जौनपुर की बेटी अनन्या समर्थ को मिला अंतरराष्ट्रीय नामांकन, छोटे शहर से विश्व मंच तक का सफर Indian 24 Circle News

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जौनपुर की बेटी अनन्या समर्थ को मिला अंतरराष्ट्रीय नामांकन, छोटे शहर से विश्व मंच तक का सफर

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"सपने देखना आसान है, लेकिन उन्हें हकीकत में बदलने की कीमत संघर्ष से चुकानी पड़ती है..." — इस विचार को साकार कर दिखाया है जौनपुर की होनहार बेटी अनन्या समर्थ ने। साधारण परिवार से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक अपनी पहचान बनाने वाली अनन्या ने साबित कर दिया कि जज़्बा, जुनून और मेहनत से कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता।

लाइन बाजार थाना क्षेत्र की निवासी अनन्या समर्थ, जो मृदुला श्रीवास्तव व सुदीप कुमार श्रीवास्तव की बेटी हैं, को “इंटरनेशनल आइकॉनिक बेस्ट नेगेटिव रोल ऑफ इंडियन टेलीविजन अवॉर्ड 2025” के लिए नामांकित किया गया है। यह नामांकन न केवल अनन्या की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे जौनपुर के लिए गर्व का विषय बन गया है।

बिना गॉडफादर, बिना पहचान... सिर्फ मेहनत और जुनून

मायानगरी मुंबई, जहां हर कदम पर प्रतिस्पर्धा और संघर्ष है, वहां बिना किसी फिल्मी पृष्ठभूमि, गॉडफादर या सिफारिश के अनन्या ने अपने अभिनय कौशल के दम पर खुद को स्थापित किया। उनका सफर आसान नहीं था, लेकिन दृढ़ निश्चय और अथक मेहनत ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचा दिया।

बचपन से ही अभिनय का सपना देखने वाली अनन्या ने जौनपुर जैसे छोटे शहर से निकलकर देश की सबसे बड़ी टेलीविजन इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई। उन्होंने न केवल सकारात्मक भूमिकाएं निभाईं, बल्कि नकारात्मक किरदारों में भी अपनी विशेष पहचान बनाई।

"मिस जौनपुर" से "इंटरनेशनल नॉमिनी" तक

अनन्या के करियर की शुरुआत "मिस जौनपुर" बनने से हुई थी। इसके बाद उन्होंने छोटे पर्दे पर कई यादगार भूमिकाएं निभाईं और धीरे-धीरे एक सशक्त कलाकार के रूप में उभरीं। उनकी अभिनय क्षमता को पहचान मिली और आज वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं।

प्रेरणादायक संदेश: "डरिए मत, बढ़ते रहिए"

अपनी ऐतिहासिक उपलब्धि पर अनन्या ने कहा,
“यह नामांकन केवल मेरा नहीं, मेरे माता-पिता, मेरे शहर और हर उस लड़की का है जो सपने देखने की हिम्मत रखती है। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मेरे परिवार ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया और उड़ान भरने की पूरी आज़ादी दी।”

अनन्या ने युवाओं से कहा,
“कभी भी अपने सपनों से मत डरिए। हालात चाहे जैसे भी हों, अगर मेहनत और नीयत सच्ची हो, तो सफलता जरूर मिलेगी। जौनपुर की बेटियों के लिए मेरा यही संदेश है—सपने देखो, मेहनत करो और कभी हार मत मानो।”

पूर्वांचल की बेटियों के लिए बनीं मिसाल

अनन्या समर्थ की यह उपलब्धि न केवल जौनपुर, बल्कि पूरे पूर्वांचल के लिए एक प्रेरणा बन गई है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सीमित साधनों के बावजूद असीम ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है।

जौनपुर की यह बेटी आज हर उस युवा के लिए उम्मीद की किरण बन चुकी है, जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखता है।



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