आज़मगढ़ में 219 फर्जी मदरसों का खुलासा, ईओडब्ल्यू ने दर्ज किए मुकदमे
Indian 24 Circle News
आज़मगढ़: जिले में मदरसों की मान्यता और अनुदान से जुड़ी बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। एसआईटी की जांच में 219 मदरसे ऐसे पाए गए जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। इन फर्जी मदरसों ने वर्षों तक सरकारी अनुदान का लाभ उठाया। शासन के आदेश पर अब आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा इन पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।
एसआईटी जांच में हुआ बड़ा खुलासा
मामला 2009-10 से जुड़ा है, जब बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान दे दिया गया था। 2017 में इसकी शिकायत सरकार से की गई, जिसके बाद जांच हुई और 313 मदरसों में अनियमितता पाई गई। इसके बाद शासन ने एसआईटी को विस्तृत जांच सौंपी।
2022 में सौंपी गई एसआईटी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 219 मदरसे सिर्फ कागजों पर चल रहे थे। इन मदरसों के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। एसआईटी की रिपोर्ट के बाद शासन ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था, लेकिन एफआईआर अब जाकर दर्ज होनी शुरू हुई है।
फर्जी मदरसों का पर्दाफाश
एसआईटी की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए। कई जगहों पर मदरसों की जगह दुकानें, जर्जर इमारतें या अन्य विद्यालय संचालित हो रहे थे। कुछ मामलों में तो मदरसा केवल कागजों पर ही मौजूद था। उदाहरण के तौर पर:
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मदरसा अजीजिया खड़गपुर कंधरापुर को तहतानिया स्तर की मान्यता मिली थी, लेकिन जांच में यह अस्तित्वहीन निकला। यहां "भारतीय जनता इंटर कॉलेज" संचालित हो रहा था, जिसे मदरसा दिखाया गया था।
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मदरसा इस्लामिया फैजुल उलूम नई बस्ती, रौनापार के पोर्टल पर तीन कमरे दर्ज थे, लेकिन मौके पर सिर्फ तीन शटरनुमा दुकानें पाई गईं। 140 छात्रों की सूची दी गई थी, मगर एक भी छात्र मौजूद नहीं था।
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मदरसा दर्सगाह अरबिया चांदपट्टी, रौनापार की मान्यता 2010 में हुई थी, लेकिन मौके पर कोई मदरसा नहीं मिला। पोर्टल पर 90 छात्रों की उपस्थिति दिखाई गई थी, मगर कोई पुष्टि नहीं हुई।
शासन के निर्देश पर अब इन फर्जी मदरसों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। 6 फरवरी को कंधरापुर थाने में पहला मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें प्रबंधक रुमाना बानो पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। इसके बाद 8 फरवरी को 11 और मुकदमे दर्ज किए गए।
ईओडब्ल्यू के निरीक्षक कुंवर ब्रम्ह प्रकाश सिंह की तहरीर पर इन एफआईआर को दर्ज किया जा रहा है। जिला प्रशासन और पुलिस ने सभी संबंधित थानों को तहरीर भेज दी है, और जल्द ही बाकी मामलों में भी केस दर्ज किए जाएंगे।
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि 219 फर्जी मदरसों ने सरकारी अनुदान का दुरुपयोग किया। जांच में दोषी पाए गए प्रबंधकों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। साथ ही, इस पूरे घोटाले में शामिल अन्य लोगों की भी जांच की जा रही है।
शासन अब मदरसा मान्यता प्रणाली को और पारदर्शी बनाने पर विचार कर रहा है। नए नियमों के तहत भौतिक सत्यापन के बिना किसी मदरसे को मान्यता नहीं मिलेगी।

