कर्बला पूरी दुनिया को कुर्बानी का पैग़ाम देती है : डाक्टर अबरार हुसैन
Indian 24 Circle News
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में माहे मोहर्रम में परंपरागत तौर से मजलिसों, मातमो का सिलसिला जारी है ।
माह ए मोहर्रम मैं मजलिसों का सिलसिला प्रातः काल 6:00 बजे से देर रात्रि तक लगातार जारी है इसी क्रम में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी मोहल्ला मखदूम शाह अडहन स्थित शेख नूरुल हसन मेमोरियल सोसायटी कार्यालय पर मजलिस का आयोजन किया गया मजलिस को संबोधित करते हुए जाकिरे अहेलेबैत जनाब डॉक्टर अबरार हुसैन ने कहा कि भारत में हैदराबाद,लखनऊ उसके बाद जौनपुर में ही मोहर्रम को बड़े ही परंपरागत एव अदब के साथ मनाया जाता है । पुरुषों एवं महिलाओं दोनो ही की
की मजलिसों में मर्सिया, नोहो एवं मातमी जुलूसों के जरिए हर मजहब और मिल्लत के लोग अपने-अपने तरीके से हजरत इमाम हुसैन को श्रद्धांजलि पेश करते हैं डॉक्टर साहब ने कहा कि जब उस वक्त के आतंकवादी सरगना यजीद ने हज़रत इमाम हुसैन से बयत,,समर्पण,के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि तेरे जैसे की बय्णत मेरे जैसा नहीं कर सकता ।
और मदीने से अपने परिवार एवं साथियों के साथ निकल पड़े हजरत इमाम हुसैन के काफिले का पीछा करते हुए यजीद की फौज का पानी, जल, खत्म हो गया तो हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपने काफिले का पानी यजीदी फौज को दे दिया, और यहां तक की उनके साथ चल रहे घोड़ो और जानवरों को भी पानी पिलाया और यजीदी फौजी के कमांडर से कहा कि हमें हिंद,, हिंदुस्तान, जाने दिया जाए परंतु यजीदी फौजी उन्हें रास्ता नहीं दिया और कर्बला के मैदान में तीन दिन का भूखा और प्यासा हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियो और परिवार के लोगों को कत्ल कर दिया । मजलिस में अंजुमन कासिमिया चहारसू के नईम हैदर मुन्ने के नेतृत्व में नौहा और मातम किया मजलिस के आयोजक समाजसेवी अली मंजर डेजी ने सभी उपस्थित जनों को तब्बरूक वितरित किया।


