संविदा स्टाफ नर्सों का डिमोशन और वेतन कटौती पर हंगामा, मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ फूटा आक्रोश
Indian 24 Circle News
जौनपुर। उमानाथ सिंह स्वशासी मेडिकल कॉलेज में संविदा पर कार्यरत स्टाफ नर्सों ने सोमवार को प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। चिलचिलाती धूप में करीब 400 नर्सें कॉलेज परिसर के बाहर धरने पर बैठीं और अपने मूल पद से हटाए जाने तथा वेतन कटौती के खिलाफ आक्रोश जताया।
प्रदर्शन कर रहीं नर्सों का आरोप है कि पिछले तीन वर्षों से वे स्टाफ नर्स के रूप में सेवा दे रही थीं, लेकिन हाल ही में कॉलेज प्रशासन ने उन्हें डिमोट कर चतुर्थ श्रेणी (स्वीपर) के पद पर तैनात कर दिया। इसके साथ ही उनके वेतन में भारी कटौती भी कर दी गई, जिससे वे आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं।
बुनियादी सुविधाओं से वंचित
नर्सों ने प्रशासन पर यह भी आरोप लगाया कि कार्यस्थल पर उन्हें मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। महिला नर्सों ने बताया कि कॉलेज परिसर में न तो उचित आवास है और न ही शौचालय और बाथरूम जैसी ज़रूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। एक नर्स ने दुख जताते हुए कहा, “कई बार हमें ऐसे स्थानों पर ड्यूटी दी जाती है जहाँ शौचालय तक के लिए 500 मीटर दूर जाना पड़ता है। यह न केवल असुविधाजनक है बल्कि अपमानजनक भी।”
भ्रष्टाचार के आरोप, सरकार से लगाई गुहार
प्रदर्शनकारी नर्सों ने आशंका जताई कि जल्द ही उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा और फिर नई भर्तियों के नाम पर पैसों की वसूली की जाएगी। नर्सों का कहना है कि उन्होंने इस गंभीर विषय पर उत्तर प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
मांगें और चेतावनी
संविदा नर्सों की प्रमुख मांग है कि उन्हें पुनः उनके मूल पद पर बहाल किया जाए और वेतन में की गई कटौती को रद्द किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को मजबूर होंगी।
सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
नर्सों ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करे और संविदा स्टाफ नर्सों के अधिकारों तथा भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उनका कहना है कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो यह मामला राज्य भर में व्यापक आंदोलन का रूप ले सकता है।




