मोहम्मद शमी के रोजे पर मौलाना का विवादित बयान, देशभर में छिड़ी नई बहस Indian 24 Circle News

Indian 24 circle news
By -
0

मोहम्मद शमी के रोजे पर मौलाना का विवादित बयान, देशभर में छिड़ी नई बहस

Indian 24 Circle News 


नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को लेकर बरेली के मौलाना शाहबुद्दीन का विवादित बयान सामने आया है। मौलाना ने कहा कि रमजान के दौरान हर मुसलमान पुरुष और स्त्री पर रोजा रखना फर्ज है, ऐसे में शमी को भी रोजा रखना चाहिए था। उनका कहना था कि क्रिकेट तो हर समय खेला जाता है, लेकिन रोजा इस्लाम का एक अहम हिस्सा है, जिसे छोड़ना सही नहीं है।

क्रिकेट प्रेमियों में गुस्सा

मौलाना के इस बयान के बाद क्रिकेट प्रेमियों में नाराजगी देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि जब कोई खिलाड़ी देश के लिए खेल रहा होता है, तो धार्मिक मुद्दों को बीच में नहीं लाना चाहिए। देश के सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं होता, और हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है।

सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

मौलाना के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों की अलग-अलग राय देखने को मिल रही है। कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे अनावश्यक विवाद बता रहे हैं। कई यूजर्स ने कहा कि हर मुसलमान रोजा नहीं रख पाता, खासकर जब कोई खिलाड़ी या किसी अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी में होता है।

क्या कहता है खेल और धर्म का संतुलन?

विशेषज्ञों का मानना है कि किसी खिलाड़ी के लिए फिटनेस और परफॉर्मेंस सबसे अहम होती है। कई बार खिलाड़ी मेडिकल सलाह के अनुसार डाइट और हाइड्रेशन का ध्यान रखते हैं, ताकि वे अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सकें। ऐसे में शमी का मैच के दौरान पानी और एनर्जी ड्रिंक पीना खेल से जुड़ी उनकी जरूरतों का हिस्सा माना जाना चाहिए, न कि किसी धार्मिक विवाद का मुद्दा बनाया जाना चाहिए।

मौलाना शाहबुद्दीन के इस बयान ने देश में एक नई बहस छेड़ दी है कि क्या खेल और धर्म को आपस में जोड़ा जाना चाहिए या नहीं। लेकिन अधिकतर लोगों का यही मानना है कि जब बात देश के सम्मान की हो, तो किसी भी खिलाड़ी के धर्म को लेकर सवाल उठाना अनुचित है।


Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn more
Ok, Go it!