वाराणसी-लखनऊ शटल एक्सप्रेस में प्राइवेट वेंडरों की सक्रियता पर सवाल, आरपीएफ-जीआरपी की मिलीभगत का आरोप
लखनऊ/वाराणसी: भारतीय रेलवे की शटल एक्सप्रेस ट्रेनों में अनधिकृत वेंडरों की सक्रियता लगातार बढ़ रही है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने इस मामले को और तूल दे दिया है। वीडियो में लखनऊ से वाराणसी जाने वाली ट्रेन में एक प्राइवेट वेंडर को खुलेआम सामान बेचते हुए देखा गया। इस वीडियो के सामने आने के बाद रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठने लगे हैं।
आरपीएफ और जीआरपी पर मिलीभगत के आरोप
यात्रियों का कहना है कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और जीआरपी (Government Railway Police) की मिलीभगत से ही ये वेंडर ट्रेनों में धड़ल्ले से कारोबार कर रहे हैं। आमतौर पर, रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में अधिकृत वेंडरों को ही सामान बेचने की अनुमति होती है, लेकिन प्राइवेट वेंडरों की मौजूदगी ने सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोल दी है।
यात्रियों को हो रही परेशानियां
यात्री बताते हैं कि ये अनधिकृत वेंडर न केवल मनमाने दामों पर सामान बेचते हैं, बल्कि कई बार यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार भी करते हैं। इसके अलावा, बिना किसी गुणवत्ता नियंत्रण के बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों से यात्रियों की सेहत को भी खतरा हो सकता है।
रेलवे प्रशासन क्या कर रहा है?
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आया है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और वेंडरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, यात्रियों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासनिक कार्रवाई या महज दिखावा?
अब देखना यह होगा कि रेलवे प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करता है या फिर यह भी महज एक औपचारिक जांच बनकर रह जाता है। यात्रियों की मांग है कि आरपीएफ और जीआरपी की भूमिका की निष्पक्ष जांच हो और अनधिकृत वेंडरों की घुसपैठ को पूरी तरह रोका जाए।

