आर्थिक असमानता में विश्वगुरु बन चुका है देश : रागिनी सोनकर
Indian 24 Circle News
- सरकार के वन ट्रिलियन इकॉनमी के दावे पर सपा विधायक का सवाल
- प्रतिवर्ष 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जा रहे हैं
जौनपुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में समाजवादी पार्टी की मछलीशहर विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने सरकार के आर्थिक दावों की जमकर आलोचना की। उन्होंने सरकार के वन ट्रिलियन इकॉनमी के सपने को महज एक छलावा बताते हुए कहा कि मौजूदा आर्थिक असमानता को देखते हुए यह लक्ष्य अगले 20 से 25 वर्षों में भी हासिल नहीं किया जा सकता।
विधायक सोनकर ने सरकार के आंकड़ों को ही उनके दावों के खिलाफ रखते हुए कहा कि देश में आर्थिक असमानता चरम पर पहुंच चुकी है। अमीर और अमीर होता जा रहा है, जबकि गरीब और गरीब। उन्होंने बताया कि देश में 60 करोड़ लोग सरकारी राशन पर निर्भर हैं, जबकि हर साल 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे चले जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 2010-11 में मध्यम वर्ग की आमदनी और बचत जीएसडीपी का 50% होती थी, जो अब घटकर महज 5.1% रह गई है।
महिलाओं की स्थिति भी बदतर
डॉ. रागिनी सोनकर ने कहा कि महिलाओं की नियमित आय भी गिर रही है। पहले जहां 22% महिलाएं नियमित वेतनभोगी थीं, वह अब घटकर 16% रह गई हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार के दावों के विपरीत जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।
वन ट्रिलियन इकॉनमी का सपना कितना सच?
सपा विधायक ने सरकार से सवाल किया कि उत्तर प्रदेश कब तक वन ट्रिलियन इकॉनमी का लक्ष्य हासिल कर सकेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा विकास दर को देखते हुए प्रदेश को इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए 20% की वृद्धि दर की जरूरत है, जबकि अभी यह 10% के आस-पास ही बनी हुई है।
सरकार की नीति पर सवाल
डॉ. सोनकर ने सरकार से पूछा कि गरीबी रेखा से नीचे जा रहे लोगों को ऊपर उठाने के लिए क्या कोई ठोस नीति लाई जा रही है? उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट को 4 गुना, इंडस्ट्री डिपार्टमेंट को 3.5 गुना और एम्प्लॉयमेंट सेक्टर को 4 गुना ज्यादा काम करना पड़ेगा। जब 2017 से 2025 तक सरकार इस ग्रोथ रेट को हासिल नहीं कर पाई, तो आगे कैसे वन ट्रिलियन इकॉनमी का सपना पूरा होगा?
उनके सवालों ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया, और सरकार की आर्थिक नीतियों पर एक नई बहस छेड़ दी है।


