आचार संहिता उल्लंघन मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह दोषमुक्त
Indian 24 Circle News
जौनपुर। पूर्वांचल के चर्चित बाहुबली नेता एवं जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। लगभग आठ वर्ष पुराने आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में उन्हें साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया। यह फैसला सिविल जज (सीनियर डिवीजन) अनुज कुमार जौहर की अदालत ने सुनाया।
यह मामला 15 फरवरी 2017 का है, जब धनंजय सिंह निषाद पार्टी के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे। चुनाव प्रचार के दौरान उनके काफिले की जांच की गई थी, जिसमें 50 से अधिक दोपहिया वाहन और 30 चार पहिया वाहन पाए गए थे। इस वजह से नईगंज और कलीचाबाद क्षेत्रों में भारी जाम लग गया था।
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, किसी भी प्रत्याशी को तीन से अधिक चार पहिया वाहनों का प्रयोग करने की अनुमति नहीं थी। इसी आधार पर शहर कोतवाली में पुलिस अधीक्षक और आरओ के निर्देश पर आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी और मामले की सुनवाई शुरू हुई।
सरकारी अधिवक्ता दीपेंद्र यादव ने इस दौरान कई गवाहों के बयान दर्ज कराए, जबकि बचाव पक्ष के वकील ने सीसीटीवी फुटेज को कोर्ट में साबित न किए जाने और गवाहों के बयानों में विरोधाभास का मुद्दा उठाया। कई गवाहों ने यह भी कहा कि उन्होंने पूर्व सांसद को जुलूस में देखा ही नहीं। साथ ही, नक्शा नजरी भी कई दिनों बाद तैयार किया गया था।
इन सभी तथ्यों और साक्ष्यों की गहराई से जांच करने के बाद कोर्ट ने यह माना कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में विफल रहा है। लिहाजा, साक्ष्य के अभाव में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दोषमुक्त कर दिया गया।
इस फैसले से उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

